जप हर हर हरहर भोला गुरु महादेव लिरिक्स छत्तीसगढ़ी गीत LYRICS
- गीत - जप हर हर हरहर भोला गुरु महादेव
- गायक - कान्तिकार्तिक यादव
- म्युजिक - ओ. पी देवान्गन
- लिरिक्स - पारंपारिक गीत
तुम्हरे चरणो की धुल से , सब सुर सुरपति सुख भोगी
तुम तो अपना सबको लुटा के फिरते हो बनके जग मे जोगी
जप हर हर हरहर भोला , गुरु महादेव
जप हर हर हरहर भोला , गुरु महादेव
जप हर हर हरहर भोला गुरु महादेव
जप हर हर हरहर भोला गुरु महादेव
तोर पावे मे विराजे महादेव , चंदन खड़उवा
तोर पावे मे विराजे महादेव , चंदन खड़उवा
तोर कमर मे विराजे महादेव , बघवा के छाला
तोर कमर मे विराजे महादेव , बघवा के छाला
तोर अंग मे विराजे महादेव , अंग भभुति
तोर अंग मे विराजे महादेव , अंग भभुति
तोर गला मे विराजे महादेव , सरपन के माला
तोर गला मे विराजे महादेव , सरपन के माला
तोर माथे मे विराजे महादेव , दुजे के चंदा
तोर माथे मे विराजे महादेव , दुजे के चंदा
तोर जटा मे विराजे महादेव , गंगा के धारा
तोर जटा मे विराजे महादेव , गंगा के धारा
हो....... तै तो जगत के दाता हमला ले उबार
तै तो जगत के दाता हमला ले उबार
तै तो जगत के स्वामी , हे संभु हे अविनाशी , हमरो बनाई देबे ना
हे भोला हमरो बनाई देबे ना
हे भोला हमरो बनाई देबे ना
समाप्त....
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